कोहरा नाम सुनते से ही सर्दी के वो दिन याद आ जाते हैं जिसमे रजाई के अंदर दुपके हम एक गरम चाय की फरमाइश कर रहे होते हैं या फिर किसी सिगड़ी के पास बैठकर अपने हाथ मल रहे होते हैं सर्दियों में हर साल कोहरा पड़ने से हर बार कई दर्दनाक हादसे होते हैं पिछले सर्दियों में भी ऐसा ही कुछ हुआ। कोहरे के दस्तक के साथ ही सड़के भी खून से लथपथ हुई। देश में हुए विभिन्न हादसों में कई लोगों की जान चली गई। सबसे अधिक कहर हाईवे पर ही देखने को मिलता है। शहर से दूर हाईवे पर लाइट और रौशनी ना होने की वजह से कोहरे के कारण कई बार जीव जंतु और गाड़ियां एक दूसरे की चपेट में आ जाते हैं। बीते साल ऐसा ही कहर यमुना एक्सप्रेस वे और आगरा मंडल पर बरसा।
कोहरे के कारण मथुरा में यमुना एक्सप्रेस वे पर एक के बाद एक कई वाहन एकदूसरे से टकराते चले गए। बताया गया है कि अधिकतर हादसे मथुरा के मांट और बलदेव थाना क्षेत्र में हुए। यहाँ कोहरे के कारण करीब 50 वाहन आपस में भिड़ गए। हादसे में दर्जनों लोग घायल हो गए हलाकि भगवन की कृपा रही की किसी की मौत नहीं हुई। कोहरा के कारण विजिबलिटी इतनी कम थी कि नजदीक का कुछ भी नजर नहीं आ रहा था, जिसके चलते ये गाड़ियां आपस में टकरा गई। एक्सीडेंट होने पर लोग अपनी अपनी गाड़ियों से बाहर निकल कर भागने लगे। जिससे पीछे से आ रहे वहां के नीचे वे कुचले ना जाएँ।
हाईवे पर हुई इस घटना में पुलिस भी सूचित करने के बहुत देर बाद आई ऐसे में सुनसान यमुना एक्सप्रेस वे पर लोगों को मदद् मिलने में बहुत दिक्कत आई और राहत कार्य के लिए एम्बुलेंस भी कई घंटो बाद आई। घटना के कई घंटो बाढ हाईवे से पूरा ट्रैफिक साफ़ करवाया गया और हाईवे को वापिस से खोल दिया गया। सर्दी में पड़े इस कोहरा के कारण पुलिस और यातायात की कोई तैयारी भी सामने नहीं आई। हर साल हो रही इन घटनाओ के बाढ भी सरकार इससे कोई सीख नहीं लेती यही हमारे देश के लिए सबसे बड़ी दुर्भाग्य की बात है।